नवरात्रि में माता का भोग: नवरात्रि के 9 दिन का भोग List 2024

नवरात्रि, देवी माँ दुर्गा की आराधना का प्रमुख पर्व है, जो पूरे देश में बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इन 9 दिनों में माता के 9 रूपों की पूजा होती है, और हर दिन एक विशेष भोग अर्पित किया जाता है। भोग का महत्त्व केवल स्वाद में नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था में निहित होता है। नवरात्रि के 9 दिनों में किस दिन कौन सा भोग अर्पित करना चाहिए, इसका ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर दिन का भोग माता के अलग-अलग रूपों को समर्पित होता है।

इस लेख में हम चर्चा करेंगे “नवरात्री में माता का भोग नवरात्रि के 9 दिन का भोग List नवरात्रि के 9 दिन का भोग list 2024” की, जिसमें हम हर दिन के भोग की सूची और भोग लगाने की विधि को विस्तार से समझेंगे।

नवरात्रि का महत्त्व और भोग का आधार

नवरात्रि केवल व्रत और उपवास तक सीमित नहीं है। इन दिनों में हर दिन एक विशेष देवी का पूजन होता है, और उन्हें भोग अर्पित करना उस पूजा का अभिन्न हिस्सा है। भोग में मिठास, फल, और अन्न के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो माँ को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सही दिन पर सही भोग अर्पित करने से देवी माँ जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं।

नवरात्रि के 9 दिन का भोग List 2024

1. पहला दिन: शैलपुत्री माता को घी का भोग

पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है। इन्हें घी का भोग अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि घी का भोग अर्पित करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

2. दूसरा दिन: ब्रह्मचारिणी माता को शक्कर का भोग

दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी को शक्कर या मिश्री का भोग चढ़ाया जाता है। इससे दीर्घायु और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

3. तीसरा दिन: चंद्रघंटा माता को दूध या खीर का भोग

माँ चंद्रघंटा को दूध या खीर का भोग लगाया जाता है। इससे मन की शांति और मानसिक संतुलन बना रहता है। दूध का सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना जाता है, जो माँ चंद्रघंटा को बहुत प्रिय है।

4. चौथा दिन: कूष्मांडा माता को मालपुआ का भोग

चौथे दिन कूष्मांडा देवी को मालपुआ का भोग दिया जाता है। मालपुआ मीठे और सुस्वादु होते हैं, और ये भोग माता को प्रसन्न कर बुद्धि और विवेक की प्राप्ति कराता है।

5. पाँचवा दिन: स्कंदमाता को केले का भोग

माँ स्कंदमाता को केले का भोग चढ़ाया जाता है। केला स्वास्थवर्धक फल है, और इसे चढ़ाने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

6. छठा दिन: कात्यायनी माता को शहद का भोग

छठे दिन माँ कात्यायनी को शहद का भोग अर्पित किया जाता है। यह भोग स्वास्थ्य और सुंदरता प्रदान करता है। शहद का प्राकृतिक मिठास माता को प्रिय होता है।

7. सातवां दिन: कालरात्रि माता को गुड़ का भोग

सातवें दिन माँ कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाया जाता है। यह भोग अर्पित करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और संकट दूर होते हैं।

8. आठवां दिन: महागौरी माता को नारियल का भोग

माँ महागौरी को नारियल का भोग चढ़ाने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। नारियल शुभ फल माना जाता है और इसे माता के चरणों में अर्पित करना अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।

9. नवां दिन: सिद्धिदात्री माता को तिल का भोग

नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री को तिल से बनी चीज़ों का भोग अर्पित किया जाता है। इससे आत्मबल बढ़ता है और साधना में सफलता प्राप्त होती है।

नवरात्रि में भोग लगाने की विधि

भोग लगाने की सही विधि का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। माता के भोग में शुद्धता और भक्तिभाव सबसे महत्वपूर्ण हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बातें दी गई हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए:

  • सबसे पहले, पूजा स्थल को शुद्ध करें। गंगाजल का छिड़काव करें।
  • पूजा सामग्री और भोग को शुद्ध वस्त्रों में ढक कर रखें।
  • भोग लगाते समय मन में माता का ध्यान करें और कोई मंत्र जपें।
  • भोग को माता के चरणों में अर्पित करने के बाद, आरती करें और प्रसाद सभी को वितरित करें।

भोग में ध्यान रखने योग्य बातें:

  • भोग को हमेशा साफ-सुथरी और शुद्ध सामग्री से बनाएं।
  • भोग में प्याज और लहसुन का प्रयोग न करें।
  • भोग अर्पित करने के बाद प्रसाद को अपने परिवार और जरूरतमंदों में बांटना चाहिए।

नवरात्रि के 3 दिन का भोग List

कुछ लोग नवरात्रि के दौरान केवल 3 दिनों में विशेष भोग लगाते हैं। इसके अंतर्गत तीन प्रमुख दिन निम्नलिखित होते हैं:

  1. पहला दिन (शैलपुत्री): घी का भोग
  2. चौथा दिन (कूष्मांडा): मालपुआ का भोग
  3. आठवां दिन (महागौरी): नारियल का भोग

FAQs

नवरात्रि के 9 दिनों में कौन सा भोग दिया जाता है?

हर दिन माँ के एक विशेष रूप को भोग लगाया जाता है। जैसे, पहले दिन घी, दूसरे दिन शक्कर, तीसरे दिन खीर, चौथे दिन मालपुआ, पाँचवे दिन केला, छठे दिन शहद, सातवे दिन गुड़, आठवे दिन नारियल और नवमी के दिन तिल का भोग अर्पित किया जाता है।

नवरात्रि में किस दिन कौन सा भोग है?

नवरात्रि के हर दिन के लिए अलग भोग होता है। इसे नवरात्रि के 9 दिन का भोग List के अनुसार तय किया जाता है, जो ऊपर विस्तृत रूप में बताया गया है।

नवरात्रि में माँ को क्या भोग लगाया गया था?

नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, और माँ को हर दिन एक विशेष भोग लगाया जाता है, जैसे घी, शक्कर, खीर आदि।

नवरात्रि में भोग लगाने की विधि क्या है?

भोग लगाते समय पूजा स्थल की शुद्धता का ध्यान रखें। माता का ध्यान करते हुए, शुद्ध सामग्री से बना भोग अर्पित करें और फिर आरती करें। प्रसाद सभी को वितरित करें।

नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा की आराधना का समय है, और इन दिनों में सही भोग अर्पित करने से देवी माँ की कृपा मिलती है। “नवरात्री में माता का भोग नवरात्रि के 9 दिन का भोग List नवरात्रि के 9 दिन का भोग list 2024” के अनुसार, हर दिन का भोग विशेष महत्व रखता है। सही विधि से भोग अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति, और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

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